"लेकिन क्या भारतीय कार ग्राहक इस बात से ख़ुश नहीं होंगे कि इस कार में जो इंजिन लगा है वो वही iVTECहै जो हौंडा सिटी में लगा है, इसकी बनावट ऐसी है जिसे हम जीकॉन बॉडी कहते हैं और जो ज़्यादा सुरक्षित होती है ?" ये सवाल से ज़्यादा उत्सुकता थी, छोटी कारों के ग्राहकों के बारे में एक नए तरीके से जानने की । क्योंकि हौंडा पहली बार भारत में लगा रही है एक ऐसी कार जो छोटी कारों के इलाके में आती है । हौंडा ब्रियो।
जब तक मेरे कैमरा सहयोगी विशाखापत्तनम के समुद्री किनारे की ख़ूबसूरती को बैकग्राउंड बना कर, हौंडा की नई नवेली हौंडा ब्रियो को सामने रखकर, शूटिंग कर रहे थे तब तक मेरे पास वक्त था कि मैं इस कार के बारे में कुछ बातें कर सकूं, हौंडा कार इंडिया के एक सीनियर अधिकारी के साथ। ज़ाहिर सी बात है कि बातचीत इसकी क़ीमत पर हो रही था जिस पर मेरा कहना था कि इस कार के लिए शुरुआती क़ीमत 3 लाख 80 हज़ार के आसपास होनी चाहिए। जो आंकड़ा लंबे सवाल-जवाब का सबब बना था। दरअसल ब्रियो के बारे में पहला ब्रीफ़ या जानकारी यही आई थी कि हौंडा की आने वाली छोटी कार पांच लाख से कम की होगी और मौजूदा जैज़ से छोटी भी। जिसकी गारंटी तो अभी ही मैं ले सकता हूं, ब्रियो पांच लाख से कम में ही शुरू होगी और साइज़ में जैज़ से छोटी होगी। लेकिन दोनों प्वाइंट का क्या मतलब है आज ? क्या इतना काफ़ी है ? बिल्कुल नहीं।
ब्रियो में लगा है जैज़ वाला ही 1.2 लीटर i-VTEC इंजिन, 87 बीएचपी की ताक़त है। काफ़ी हद तक जापानी और प्यारे चेहरे वाली ब्रियो अलग ज़रूर दिखती है इस सेगमेंट में। जो ज़रूरी है। साथ में इस कार के अंदर का जगह काफ़ी संतुष्ट करने वाली है। आगे ड्राइवर सीट पर भी और पिछली कतार में भी। जो मुझे काफ़ी अच्छा लगा, कह सकते हैं कि ब्रियो की ये ख़ूबी बहुत पसंद की जाएगी। आजकल जो भी फ़ीचर्स होते हैं इस सेगमेंट में वो सारे हैं। साथ में एक और ख़ूबी मुझे लगी इसकी आसान ड्राइव। पिछले दरवाज़े ( डिक्की) का बड़ा हिस्सा शीशे का है जो रिवर्स करना बहुत आसान कर देता है। तो इन सभी आंकड़ों और फ़ीचर्स के साथ 27 सितंबर की तारीख़ तक ये उतरेगी बाज़ार में। और इन जानकारियों के बाद वापस आते हैं अपने पहले सवाल पर।
छोटी कारों का बाज़ार ऐसा है जिसे समझना बहुत आसान कभी नहीं रहा है, ऊपर से दिन रात नई रणनीति के साथ उतरने वाली छोटी कारें इसे और कांप्लिकेट कर रही हैं। ऐसे में ब्रियो की क़ीमत क्या होगी ?
अगर हाल फ़िलहाल में छोटी कारों के बाज़ार को देखें तो तीन सोच या आयाम देख सकते हैं, स्विफ़्ट, फ़ीगो और इंडीका। जिसके बीच में ब्रियो को जूझना पड़ेगा। स्विफ़्ट ने एक ऐसी हैसियत बना रखी है जिसे तोड़ना दूसरी किसी कार के बूते की बात फ़िलहाल नहीं लग रही है। फ़ीगो ने अपनी क़ीमत और किफ़ायत के बल पर एक अलग पैमाना तैयार कर दिया है, वहीं पैसा वसूल कारों के नाम पर इंडीका विस्टा की अलग हैसियत है। सवाल ये है कि ब्रियो कहां खड़ी हो पाएगी (अगर हौंडा सिटी जैसा प्रदर्शन इस सेगमेंट में भी दोहराना है तो ! )? स्विफ़्ट की क़ीमत में वो उतर नहीं सकती। फ़ीगो को वो छू नहीं सकती। हौंडा का ब्रांड भारत में प्रीमियम हो चुका है, ऐसे में इंडिका जैसे इलाकों में जाना मुश्किल है। टोयोटा की लीवा, निसान की माइक्रा जैसी कारें इसी कांप्लिकेटेड प्राइसिंग का शिकार हुईं। वहीं ब्रियो के लिए एक और टेंशन है जैज़। जब साढ़े पांच लाख से जैज़ शुरू हो रही है तो उस पैसे में ब्रियो क्यों लूंगा मैं ? तो सवाल है कि टू-बी और नॉट टू बी ।
( प्रभात ख़बर में पब्लिश्ड)
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