हार्ली की नई नवेली स्ट्रीट 750 को कुछ वक्त पहले चलाई थी। सोचा एक बार फिर से उस राइड को आपके लिए याद करूं। भारत में कंपनी ने इसे लौंच कर दिया है पिछले ऑटो एक्स्पो के वक्त । एक शांत शनिवार की सुबह को राइड के लिए चुना गया था। मोटरसाइकिल चलाने के लिए मौसम बिल्कुल फ़िट । और हम भी अपने राइडिंग गियर के साथ फ़िट हो गए थे। और तैयार थे स्ट्रीट 750 को चलाने के लिए ।
हार्ली डेविडसन की ये मोटरसाइकिल कई मामले में अहम है भारतीय मोटरसाइकिल बाज़ार के लिए भी और ख़ुद कंपनी के लिए भी। पहली बार जहांं कंपनी ने इतना छोटा इंजिन तैयार किया है, (नई स्ट्रीट सीरीज़ में कंपनी ने 500 और 750 सीसी के इंजिन तैयार किए हैं, जिनमें से फ़िलहाल 750 भारत में लौंच हुई ), साथ ही ये एयरकूल्ड इंजिन नहीं लिक्विड कूल्ड हैं। इसके अलावा जो चीज़ नई है इसके लिए वो है, भारत में इसका प्रोडक्शन। जो हार्ली के इतिहास मे ंपहले नहीं हुआ था। ज़ाहिर है भारत में बड़ी बिक्री की उम्मीद कर रही है कंपनी। और इसके लिए कंपनी ने सबसे पहला क़दम तो कंपनी ने काफ़ा ज़ोरदार उठाया है। इस मोटरसाइकिल की क़ीमत के साथ, जो शुरू हो रही है 4 लाख 10 हज़ार से। इसके साथ ये सबसे सस्ती हार्ली मोटरसाइकिल बाइक हो गई है।
तो भारत में बनी इस मोटरसाइकिल को चलाने के लिए हम तैयार थे और लेकर फिर निकल पड़े इसे सड़कों पर। बिल्कुल नई बाइक की पहली राइड।
स्ट्रीट 750 में लगा है 749 सीसी की लिक्विड कूल्ड इंजिन, जिससे 65 एनएम टॉर्क आता है। आंकड़ों के हिसाब से तो स्ट्रीट 750 के पास अच्छे नंबर हैं, लेकिन क्या ये नंबर सड़क पर वैसे लगते हैं कि नहीं। शुरूआती सवारी में ही लगा कि स्ट्रीट एक ताक़तवर सवारी है। मज़ेदार और दमदार। सुबह सुबह खुली सड़कों पर भागने में इसने कोई कोताही नहीं दिखाई और भरपूर ताक़त के साथ भागी। अगर ख़ाली और सुरक्षित ट्रैक मिले तो फिर 150 की रफ़्तार तक ये बहुत आराम से चली जाती है। किसी स्पोर्ट्स बाइक की तरह नहीं लेकिन तेज़ी और चुस्ती से। यही नहीं इसकी हैं़डलिंग भी काफ़ी अच्छी लगी। तेज़ रफ़्तार में आड़े तिरछे रास्तों पर मुड़ते हुए कभी भी हिचक नहीं लगी। इंप्रेसिव।
आम तौर पर हार्ली डेविडसन की मोटरसाइकिलें भारी भरकम सी होती हैं जिन्हें धीमी रफ़्तार में चलाना उतना आरामदेह नहीं होता, भारी शहरी ट्रैफ़िक के बीच संभालना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन स्ट्रीट 750 की बात करें तो ये बाकियों से हल्की हैंडलिंग वाली है, शहरी ट्रैफ़िक में चलते हुए इसे संभालना किसी भी हल्की बाइक के बराबर ही लगा। गाड़ियों के बीच से निकालना मुश्किल नहीं लगा।
लेकिन हां, बाइक बड़ी मोटरसाइकिलों की तरह ही गर्म होती है, गर्मी के मौसम में इसे चलाना बहुत आरामदेह नहीं होगा लगता है। वहीं इसकी आकार लंबे लोगों जैसे मेरे लिए बहुत आरामदेह नहीं है। बाइक मौजूदा सुपरलो और आयरन जैसे आकार की लगेगी। हां अगर औसत हिंदुस्तानी लंबाई है तो फिर फ़िट होगी आपके लिए।
तो इस राइड को ख़त्म करके लगा कि हार्ली ने कुछेक छोटी कमियों को छोड़ एक तेज़ तर्रार बढ़िया बाइक बनाई है, अच्छी क़ीमत पर लौंच किया है। एक ज़ोरदार पैकेज जो हार्ली के लिए अच्छी ख़बर है भारत में।
* पहले छपी हुई है।
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