उलझन तब होती है जब पैमाने बदलने पड़ते हैं। वो पैमाने जो हर हफ़्ते आने वाली कार या मोटरसाइकिलों को परखने के लिए इस्तेमाल होते हैं। कभी ताक़त की बात हो सकती है, तो कभी माइलेज और हैंडलिंग की। लेकिन हाल फ़िलहाल में सवारियों में फ़ीचर्स, पर्फोर्मेंस और रिफ़ाइनमेंट का ऐसा स्टैंडर्ड देखने को मिल रहा है, कि सभी सवारियों को एक ख़ास खाके में रखा जा सकता है, एक ही इंची-टेप से मापा जा सकता है । लेकिन ये बाइक ऐसी है जो आज कल की औसत प्रोडक्ट से बहुत अलग है। स्टाइलिंग पुरानी, फ़ीचर्स की लिस्ट छोटी और बनावट बहुत मोटी। बजाज की नई बॉक्सर। जो आई है पांच छह साल पुराने डिज़ाइन वाले हेडलैंप, चौड़ी सीटिंग, काम के बहुत थोड़े फ़ीचर्स के साथ । सीट के पीछे कैरियर । इसे देखकर एक सेकेंड के लिए राजदूत की याद आ गई । इसे लेकर सबसे बड़ा सरप्राइज़ तो यही है कि बजाज जो डेढ़ सौ सीसी के इलाक़े में पल्सर जैसी ट्रेंडी बाइक बनाती है वो ऐसी बाइक क्यों लेकर आई ?
.हर कंपनी के पास कुछ ऐसे प्रोडक्ट होते हैं दो फ़्लैगशिप प्रोडक्ट होते हैं। यानि ग्लैमरस, ख़ूबसूरत और नामी प्रोडक्ट जिसके बारे में चर्चा होती है और कंपनी का नाम होता है। वहीं कुछ ऐसी सवारियां होती हैं जो कंपनी की बिक्री के लिए बहुत ज़रूरी होती है , जो भले ही ग्लैमरस ना हों । और भले ही एक्सीड जैसी कोशिश फ़्लॉप रहे हैं लेकिन राजीव बजाज की ख़ूबी रही है कि वो आमतौर पर कुछ ना कुछ नया सोचते रहते हैं। और इसी सोच का नतीजा लग रही है बॉक्सर ।
इस बाइक को लेकर सभी बहस एक प्वाइंट पर आकर रुक से जाते हैं। वो प्वाइंट है इसकी क़ीमत। बजाज बॉक्सर जो डेढ़ सौ सीसी की एक बाइक है , उसकी क़ीमत है 42 हज़ार रु। दरअसल इसे देखने के लिए नज़र भी अलग चाहिए और यही क़ीमत इस बाइक को देखने के नज़रिए को बदल देती है।
150 सीसी बाइक, जिसकी ताक़त लगभग 12 बीएचपी की और टॉर्क भी लगभग इतना ही। फ़िलहाल माइलेज का दावा है कि वो 55 से 60 किमी प्रतिलीटर है। इसकी राइड के बारे में, पर्फोर्मेंस के बारे में बहुत कुछ कहने के लिए नहीं, क्योंकि आमतौर पर बजाज की डेढ़ सौ सीसी पल्सर वाली तेज़ी या पकड़ नहीं दिखेगी, ठोस राइड है।
कंपनी ने बॉक्सर के लिए कई विशेषण रखे हैं, जैसे दो पहियों पर एसयूवी और असल 'भारत बाइक' । इन सबका मतलब यही है कि इस मोटरसाइकिल का बाज़ार हैं उन जगहों पर जहां पर आम सड़क हैं टूटी-फूटी। उन ग्राहकों के बीच, जो मोटरसाइकिल का इस्तेमाल कॉलेज-ऑफिस के लिए ना करके, अपने काम के लिए करते हैं, यानि सामान लाने-ले जाने के लिए । और 42 हज़ार रू की क़ीमत बहुत ही आकर्षक कही जाएगी, इस बाज़ार और उस ग्राहक के लिए। जिस ग्राहक को बस काम से काम है, लाइफ़स्टाइल बाइकिंग से उसका कोई वास्ता नहीं है।
हालांकि कुछ सालों पहले इस तरह की बाइक शहरों में दिखती थीं, लेकिन अब हर सेगमेंट के ग्राहक, यहां तक की सौ सीसी के ग्राहक भी थोड़े बहुत स्टाइल की उम्मीद करते हैं कंपनी से। तो ऐसे में बॉक्सर का लुक वाकई काफ़ी बेसिक है। क़ीमत को कम रखना वाकई बड़ी चुनौती है लेकिन अगर स्टाइल के मामले में ये थोड़ी और आकर्षक होती तो हो सकता है कि डेढ़ सौ सीसी की बॉक्सर आते ही सौ सीसी मोटरसाइकिलों का भी पसीना छुड़ा देती ।