May 04, 2013

देर आए, लेकिन क्या दुरुस्त आए ?

"अब अमेज़ आ रही है वैल्यू फॉर मनी सेगमेंट में पैसा वसूल हौंडा मॉडल के तौर पर , तो ऐसे में क़ीमत के बाद सबसे अहम मुद्दा तो माइलेज ही होगा"

हौडा की अमेज़ उन चुनिंदा सेगमेंट में से एक में आ रही है, जहां पर अभी भी मारुति का क़ब्ज़ा है। ऐसे में कंपनी को वो सभी क़दम उठाने थे जो इस अमेज़ को डिज़ायर से टक्कर लेने के लिए तैयार कर सके। ऐसे में कई ऐसे मुद्दे ज़रूर हैं जिन पर हौंडा के डिज़ाइनर्स और इंजीनियर्स ने  काम किया है। जिनमें से एक तो है जगह ।  जब से 4 मीटर से छोटी सेडान कारों का चलन शुरू हुआ है तब से हमने देखा कि सभी कंपनियों ने अपने मौजूदा मॉडल में ही तब्दीली करके नई गाड़ी उतार दी। यानी हैटबैक में डिक्की लगाकर या लंबी सेडान कार का डिक्की काट कर । अमेज़ को तैयार करते करते हौंडा देरी हुई तो ऐसे में उन्हें वक्त भी मिला इस पर काम करने के लिए । तो इसका सबसे बड़ा फ़ायदा है कार के अंदर का जगह। पिछली सीट पर ये कार वाकई अमेज़ करने वाली है, जिस तरीके से इस छोटी कार में स्पेस को निकाला गया है। तो ग्राहकों के बीच ये एक बड़े यूएसपी का काम करने वाला है। लेकिन कार के बारे में सबसे बड़ा पहलू अगर मुझे कोई लगता है तो वो है इसका इंजिन। भारत में हौंडा ने जिस तरीके से डीज़ल की कमी की वजह से संघर्ष किया है, उसे देखते हुए ये मानना बहुतों के लिए मुश्किल था कि कंपनी के पास डीज़ल इंजिन भी हैं।  लेकिन ऐसा नहीं है। हौंडा के पास कुछ डीज़ल इंजिन रहे हैं लेकिन उनकी क्षमता ज़्यादा रही है। जैसे 2.2 लीटर डीज़ल इंजिन जो कंपनी ने यूरोप की अकॉर्ड में लगाया था। वहीं 1.6 लीटर क्षमता वाला इंदिन भी कंपनी ने 2013 में ही उतारा है जिसे कंपनी ने यूरोप की सिविक में लगाया। लेकिन भारत में कंपनी के लिए ज़रूरी था 1.5 लीटर का डीज़ल इंजिन बनाना क्योंकि अगर कार को छोटी कार होने की एक्साइज़ छूट चाहिए तो फिर उन्हें ना सिर्फ़ चार मीटर से छोटा होना पड़ता है साथ में डीज़ल इंजिन के लिए डेढ़ लीटर क्षमता की सीमा भी है। तो अपने उसी 1.6 लीटर डीज़ल इंजिन पर कंपनी ने ख़ास भारत के लिए 1.5 लीटर डीज़ल इंजिन बनाया है। और ना सिर्फ़ कंपनी के इंजीनियर्स ने इसे छोटा और हल्का किया है, उन्होंने इसे काफ़ी फ़्यूल एफ़िशिएंट भी बनाया है। अमेज़ में लगने वाले 1.5 लीटर डीज़ल इंजिन की ताक़त 100 बीएचपी के आसपास है। टॉर्क लगभग 200 एनएएम का है। और ARAI ने जो इसकी माइलेज मापी है वो काफ़ी चौंकाने वाला है। 25.8 किमीप्रतिलीटर। अब ये एक ऐसा आंकड़ा है जो ग्राहकों का ध्यान तुरंत खींचेगा। अब अमेज़ आ रही है वैल्यू फॉर मनी सेगमेंट में पैसा वसूल हौंडा मॉडल के तौर पर , तो ऐसे में क़ीमत के बाद सबसे अहम मुद्दा तो माइलेज ही होगा। 
पेट्रोल इंजिन तो वही है जो ब्रियो में हमने देखा है। और ड्राइव भी वैसा ही। डीज़ल और पेट्रोल दोनों की ड्राइव बहुत रोमांचक नहीं कहेंगे। ठीक-ठाक सी ही है। वहां पर अमेज़ होने की ज़्यादा वजह नहीं मिलेगी। वैल्यू फ़ॉर मनी टाइप की ड्राइव है । जो शांत और सादगी वाली ड्राइव कही जाएगी। 
ये भी दिलचस्प है कि कंपनी अपने डीज़ल इंजिन को लेकर तब आ पाई है जब डीज़ल के एकाधिकार के ख़त्म होने की शुरूआत सी हो रही है। डीज़ल पर से सब्सिडी ख़त्म हो चुकी है और हर महीने डीज़ल की क़ीमत 40-50 पैसे प्रतिलीटर बढ़ ही रही है। तो अमेज़ उस गोल्डेन पीरिएड के बाद आ रही है। तो देरी के अलावा बात करें तो लग रहा है कि देर से ही सही लेकिन अब तक की रणनीति ठीक ही रही है। कंपनी ने इसे भारत  में लौंच के लिए तैयार कर ही लिया है। दोनों इंजिन विकल्प भी आ ही गए हैं। क़ीमत के वक्त बारबार कंपनी की तरफ़ से डिज़ायर का ज़िक्र हो रहा है। ऐसे में साफ़ है कि क़ीमत डिज़ायर के आसपास ही होगी। तो फिर लग रहा है कि एक शांत और बोरिंग कारों की सेगमेंट में  ज़ोरदार हलचल देख पाएंगे हम।  

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