August 31, 2011

Jeep, छोटी SUV और उनका पोटेंशियल



गाड़ियों की भी अपनी पर्सनैलिटी होती है । फ़ैमिली कार, चुलबुली कार, शरीफ़ सवारी, सुशील या दबंग गाड़ी । जैसे बुलेट और जीप को देखकर दबंग पर्सनैलिटी वाली फीलिंग आती है। बचपन में जब गाड़ियों के बारे में जाना था तो मुहल्ले के भाई लोग समझाते थे कि कार तो बड़ी बोरिंग चीज़ है, क्योंकि वो तो सिर्फ़ फ़ैमिली के लिए ख़रीदी जाती है, असल मज़ा तो जीप में आता है । असल मर्दों की तो सवारी वही है । और ऊपर से उसे लेकर कहीं भी चले जाओ।
ये गाड़ियां जिन्हें जीप कहते हैं वो हमेशा से बहुत ही दिलचस्प सवारी रही हैं । जैसे इनका नाम, जीप का मतलब या फ़ुल फ़ॉर्म दरअसल है क्या ...इस पर कोई भी कहानी ठोस नहीं कही जा सकती ...जिस डिज़ाइन की जीप दुनिया भर के कई देशो में अब तक दिख रही हैं उसे किसने तैयार किया था उस पर भी काफ़ी विवाद रहा है।  द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेना के इस्तेमाल के लिए बनी इस गाड़ी को बनाने वाली की कंपनियां थीं और वो भी इस कनफ़्यूज़न की वजह रही है।  और अब तो हालत कुछ और ही है, जीप दरअसल एक अलग गाड़ी ब्रांड ही है । ग्रैंड चेरोकी की जीप के नाम से एसयूवी रेंज है।
लेकिन हम जानते हैं इन जीप को महिंद्रा जीप के नाम से। जिनकी शुरूआत इन जीप को भारत में असेंबल करने से हुई थी। और उन्हीं महिंद्रा जीप को हम सभी याद करते हैं, कभी ना कभी चला चुके हैं ।
हाल फि़लहाल में महिंद्रा जीप के नाम पर मार्शल या कमांडर ज़्यादा देखी जा रही हैं। शायद इसलिए भी क्योंकि महिंद्रा एंड महिंद्रा अपनी स्कोर्पियो और बाकी ग्लोबल प्रोडक्ट के ऊपर ज़्यादा ध्यान दे रही थी और आमतौर पर सवारी लाने ले जाने के लिए गाड़ियां तरजीह पा रही थीं। लेकिन बहुत दिनों के बाद एक शुद्ध लाइफ़स्टाइल एसयूवी आई है। महिंद्रा की थार ।

भारत के थार मरुस्थल के ऊपर नाम रखने का एक मतलब तो यही है कि कंपनी बता रही है कि ये स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेह्किल किसी भी तरीके के रास्ते पर जा सकती है। दिल्ली में महिंद्रा थार की एक्स शोरूम क़ीमत 6 लाख रु है। जो शौकीनों के लिए ज़्यादा नहीं है। चारों ओर से खुली बनावट के साथ खुले आसमान के नीचे ड्राइविंग का मज़ा लेने के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है।
आगे दो सीटें और पीछे सीट की दो क़तार, आमने सामने, बेंच की तरह जैसे जीपों में होती रही है। अंदर बहुत ही बेसिक बनावट जो बहुत आकर्षक नहीं कही जाएगी। लेकिन जो काम इ स बार महिंद्रा के जीप में हुआ है वो है इसका दमदार ढाई लीटर या कहें 2500 सीसी इंजिन । तेज़ तर्रार और स्मूद इंजिन जो थार को बहुत आसानी के किसी भी तरीके के रास्ते पर जाने में मदद देता है।
बहुत दिनों बाद मैंने इस तरह की छोटी एसयूवी चलाई और लगा कि इस सेगमेंट में गुंजाइश कितनी ज़्यादा है और कंपनियां अभी भी कितना डरी हुई हैं। मारुति सुज़ुकी अगर अपनी जिप्सी को सुधार कर उतार दे तो ना जाने कितने फैन्स हाथों हाथ ले उस प्यारी सवारी को। जैसे महिंद्रा थार को ही लें तो उसी के अंदर के डिज़ाइन, बनावट और सुविधाओं को अगर थोड़ा बढ़ा दें और आम 6 लाख की कारों की तरह वो लगे साथ में थोड़ी प्रैक्टिकल बन जाए तो एक नए तरीके के सेगमेंट को फिर से उभरते जन्म लेते देख सकते हैं।

(प्रभात ख़बर में प्रकाशित )

7 comments:

Jalaj said...

true !!! If Gypsy is relaunched, it'd really help Maruti build its image back !!! (which has deteriorated after the launch of Kizashi & the recent laborer strikes in its production plant)

seaparrot77 said...

Thar does n hv the A/C ...if i m not wrong . if it could be more like Car from inside then deffinetly the Sale in North india will starting moving upward ..

with regards
PK

Sunil Sharma said...

cooooooooooooooooooooooolllllllllllllll gypsy

siddharth said...

Once Harley is here to cater the gen-x demands; i think similarly on 4 wheels, companies like Maruti and M&M must seriously plan about launching fully loaded Gypsy, Thar type variants with medium price tag keeping in mind the demand from modern Indian youth, who yells for such sporty machines...

Muddassar said...

Hum to gypsy ya jeep jaise segment ke liye kab se wait kar rahe hai na jaane kab indian companys is tarha ke vehicles layegi.

sandy said...

ek dam sahi...

Ajit D said...

One of my friend has recently bought a second hand jeep with some modifications. He might not be aware of the fact that Mahindra is trying to bring thar. I always used to think why companies are not focusing on this segment. Because there are many guys who want to ridejeep or gypsy including me as well. Gypsy also make you feel cool with the open hood.