February 11, 2013

Year of Small SUVs ?



नए साल की शुरूआत वैसी नहीं जो बहुत ही ज़ोरदार ऐलान के साथ आई हो। गाड़ियों की दुनिया कैसे बदलेगी इस साल इसका अंदाज़ा तो नहीं मिल सकता है इस महीने से..क्योंकि सभी कंपनियां तो इस महीने में क़ीमत बढ़ाने में लगी हैं। लेकिन अगर इस साल के बाज़ार का ट्रेंड पढ़ना है तो उसके सुराग़ पिछले साल से मिल सकते हैं। जब दो घटनाएं हुई थीं, एक तो कई कंपनियों ने अपनी गाड़ियों का ऐलान किया था जो 2013 में आने वाली थीं और साथ में एक लौच। हम बात रिनॉ के डस्टर की कर रहे हैं। रिनॉ ने पिछले साल इसे प्रदर्शित भी किया और लौंच भी। कंपनियों ने एक साथ ही इस सेगमेंट को शायद पढ़ना शुरू किया था और लगभग सभी ने एक साथ इस पर काम करना शुरू किया। ये कौंपैक्ट एसयूवी का बाज़ार है। जहां पर रिनॉ के साथ फायदा ये था कि उसके पास छोटी स्पोर्ट्स यूटिलिटी गाड़ियों में एक प्रोडक्ट रेडी था। और डस्टर ने कुछ ऐसी सफलता देखी है जिसने कंपनी को भारत में पहली बार राहत मिली है। और उसने आने वाले सभी प्रोडक्ट के लिए रास्ता साफ़ कर दिया है। जहां पर एक तो लगे हाथों आ गई , महिंद्रा ज़ाइलो का मिनी वर्ज़न -क्वांटो। जो एक एमयूवी में से निकाली गई छोटी एसयूवी नुमा थी। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे प्रोडक्ट आने बाकी हैं , जिन्हें देखते हुए लग रहा है कि साल 2013 शायद छोटी एसयूवी का साल रहेगा। यानि वो गाड़ियां जो एक एसयूवी के तौर पर तैयार और डेवलप की गई हों। जिसमें सबसे पहले लग रहा है कि फ़ोर्ड की ईकोस्पोर्ट कहीं ना कहीं कंपनी के लिए वो  कर पाएगी जो फीगो ने किया था। 



अमेरिकी कार कंपनी के लिए एक ऐसे सेगमेंट को खोलेगी जिसकी आस फोर्ड का हेडक्वार्टर भी लगा रहा होगा। इस गाड़ी को लेकर कंपनी की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कंपनी ने पेट्रोल इंजिन पर भी ख़ास काम किया है, जबकि एसयूवी में आमतौर पेट्रोल इंजिन की बात कम ही सोची जाती है और आज के वक्त में तो और भी नहीं। ख़ैर । तो एक छोटे पेट्रोल इंजिन के अलावा और क्या पैकेज में लेकर आ सकती है फ़ोर्ड ये तो देखने वाली बात होगी, क्योंकि इस साल अगर बहुत से लोगों में किसी लौच को लेकर दिलचस्पी है तो यही गाड़ी होगी। इसके अलावा एक और छोटी सवारी मारुति की भी होगी, जो अगर इस साल आ गई तो फिर सेगमेंट में नए तरीके का उछाल हम देख पाएंगे। एक्स ए ऐल्फ़ा की कहानी को हम कौंसेप्ट के तौर पर ही देख पाए हैं। बाज़ार की रफ़्तार और अपने गिरते मार्केट शेयर को देखते हुए मारुति के लिए बहुत ही ज़रूरी है कि वो अपनी छोटी एसयूवी लेकर आ जाए। तो बिल्कुल नए तरीके की मारुति सवारी बाज़ार को कैसे हिलाती-डुलाती है ये देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक्स ए ऐल्फ़ा के बारे में सुगबुगाहट अभी नहीं लग रही है। देखिए कब आती है। लेकिन सिर्फ़ दो गाड़ियों से साल का ट्रेंड नहीं बन सकता है। यानि और भी लौंच इस सेगमेंट में ज़रूर होंगे। जिनमें से एक निसान भी होगी।



 रिनॉ की डस्टर को निसान के नाम से लौंच करने की कोशिश कंपनी काफ़ी दिनों से कर ही रही है। दोनों कंपनियां अपने गठजोड़ की वजह से अब तक अपनी कारों को आपस में बांटती आई हैं। तो हो सकता है कि इस साल एसयूवी को भी वो बांटें, और एक नए नाम के साथ डस्टर आ जाए हमारे सामने। देखते हैं कि निसान और रिनॉ कैसे इस कार को अलग बना पाएंगे। इसके अलावा भी कुछ काम चल रहा है टाटा के कैंप में। जो अब तक पिछड़ती दिख रही है एसयूवी के इलाके में जहां पर सफ़ारी का नया अवतार भी बहुत ज़ोरदार कमाल नहीं दिखा पाई है अब तक जहां उसे अब बिल्कुल नए प्रोडक्ट से भिड़ना पड़ रहा है, एक तरफ़ एक्सयूवी एक तरफ़ डस्टर । तो ऐसे में कंपनी अपनी आरिया को छोटा करने में लगी हुई है पता चल रहा है। आरिया टाटा मोटर्स के पोर्टफोलियो में ऐसी गाड़ी ज़रूर रही है जो कि रिफ़ाइनमेंट, बनावट और इंजीनियरिंग के मामले में काफ़ी बेहतर रही है। और कंपनी अगर इसे छोटा बनाती है, हैंडलिंग पर काम करती है तो फिर वाकई मल्टी यूटिलिटी गाड़ी से एक अच्छी छोटी एसयूवी निकल कर आएगी।
तो देश में ये साल स्पोर्ट्स यूटिलिटी गाड़ियों का होने वाला है। छोटी और किफ़ायती एसयूवी। कुछ कंपनियों ने ऐलान कर दिया है, कुछ ऐलान करने वाली हैं। कुछ जो़रों से कुछ हल्के से। लेकिन ये गाड़ियां आते हुए बदलते भारत की कहानी आ रही हैं। 
*Published in January ** फोटो सौजन्य गूगल

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