October 10, 2011

5 डबल ओह ( हिंदी में )



जब ज़रूरत पूरी हो जाती है तब शौक की शुरूआत होती है। ये बात इस बार दोनों पार्टियों पर लागू हो रही है।ग्राहकों पर भी और कंपनी पर भी। महिंद्रा, एक ऐसी गाड़ी कंपनी थी जिसकी गाड़ियां थीं तो बहुत नामी लेकिन वो नाम था ऑफ़रोडर गाड़ियों की वजह है, यानि ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर चलने वाली ठोस सवारी। फिर कंपनी को फिर ज़रूरत थी एक अर्बन, शहरी एसयूवी की, यानि स्कोर्पियो की। और उसे कंपनी ने बख़ूबी पूरा किया, अपनी पहचान बदलने के लिए। और अब कंपनी कुछ शौकीनों के ज़रिए अपने शौक पूरे कर रही है। नई XUV 500 लाकर। वहीं ग्राहक हो रहे हैं शौकीन नई एसयूवी के। ख़ैर। महिंद्रा ग्लोबल बाज़ार के लिए लेकर आई है अपनी नई XUV । तमाम नए फ़ीचर्स, आकार और इंजीनियरिंग का इस्तेमाल, और धनबाद से लेकर न्यूयॉर्क तक के ग्राहकों के लिए, जो विदेशी गाड़ियों में लगभग स्टैंडर्ड हो गए हैं। जैसे ESP , जो गाड़ी की स्टेबिलिटी बनाए रखता है। वहीं ABS है EBD के साथ। हिल डिसेंट कंट्रोल भी है, मुश्किल ढलानों से आराम से उतरने के लिए। यानि मुश्किल हालात में संतुलन और पकड़ बनाने के लिए तमाम इंतज़ाम कर दिए हैं कंपनी ने इसमें। साथ में मोनोकॉक डिज़ाइन। यानि कार की बॉडी अलग अलग हिस्सों में ना बन कर एक ही बार में बनती है। इसमें लगा इंजिन जाना पहचाना है, एम-हॉक सीरीज़ का 2.2 लीटर इंजिन, जिससे ताक़त 140 हॉर्सपावर की मिलती है।

महिंद्रा लगभग 4 सालों से इस एसयूवी पर काम कर रही थी। जिससे वो दुनिया भर में एक मल्टीटैलेंटेड एसयूवी बनाने वाली कंपनी के तौर पर पहचानी जाए। और आख़िरकार वही सवारी आई है, जिसके लिए कंपनी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नाम भी इसका ऐसा ही चुन कर रखा है, जिसमें एक्स और 5 को कंपनी अपने लिए लकी मानती है।
फ़िलहाल क़ीमत इनविटेशनल है, यानि लुभाने के लिए, यानि कुछ महीनों के लिए। दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम क़ीमत 10 लाख 80 हज़ार से 12 लाख 88 हज़ार के बीच। यानि रोड टैक्स वगैरह लगाने के बाद भी इसकी ऑनरोड क़ीमत ज़रूर ऐसी होगी जो परेशान करेगी टाटा आरिया जैसी गाड़ियों को बल्कि उन सभी गाड़ियों को जो इस क़ीमत में आ रही हैं।
हालांकि महिंद्रा की स्कोर्पियो हिट तो बहुत है लेकिन कई लोगों से इसके अंदर की जगह की शिकायत ज़रूर सुनने को मिलता है। इस नई एसयूवी के साथ वो शिकायत ज़रूर दूर हो गई है। लेकिन कंपनी कह रही  है कि वो एक्सयूवी से बड़ी एसयूवी नहीं बनाएगी, क्योंकि वो इलाका महिंद्रा अपनी कोरियन कंपनी सैंगयौंग के लिए छोड़ रही है जो पहले ही अपनी एसयूवी के लिए जानी जाती है। इस सेगमेंट इस एंट्री ने वाकई हलचल मचाई है क्योंकि एसयूवी का बाज़ार लगातार बढ़ा है भारत में, और 10 से 16-17 लाख रू वाले सेगमेंट में एसयूवी ना के बराबर हैं, टाटा आरिया को छोड़कर। वहीं ये सफ़ारी और स्कोर्पियो वाले सेगमेंट से भी कुछ ग्राहकों को भी खींच लेगी क्योंकि उस सेगमेंट में लंबे समय से ग्राहक कुछ नए का इंतज़ार कर रहे हैं। जिसमें सबसे ज़्यादा इंतज़ार दो ही गाड़ियों का हो रहा था, एक तो आ ही गई और दूसरी जिसका अभी तक टेस्ट ही चल रहा है, टाटा की नई सफ़ारी मर्लिन का। जिसकी तस्वीर उम्मीद है कुछ हफ़्तों में साफ़ हो जाएगी और 2012 की शुरुआत तक आ जाएगी। और आने वाले मई तक ये दोनों गाड़ियां बहुत मस्त भागेंगी, क्योंकि उसके बाद इसी सेगमेंट में रेनॉ की डस्टर आएगी, जिसकी क़ीमत का अंदाज़ा काफ़ी कम लगाया जा रहा है। तो देखते हैं सस्ती स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेह्किल का स्पोर्ट कितना रोमांचक होता है।

*Already Published  

2 comments:

Manoj Singh said...

वाकई क्रांति, जिस दिन से मैने एक्सयूवी 500 के लांचिंग की खबरें सुनी हैं उस दिन से मैं हर रोज नेट पर बैठकर इसके फीचर देखते रहता हूं, खास तौर पर इसका लुक और इसकी प्राइज वाकई में कमाल हैं।

HARSH SOROUT said...

tata kaise takkar degi xuv500 ko....because uski spy pics se lagta ni hai k vo kuch khas changes le kar aayegi